Khurshid is new foreign minister, Moily gets oil, Bansal gets railways

Salman Khurshid was India's new external affairs minister as Prime Minister Manmohan Singh on Sunday effected a major revamp of his council of ministers, inducting 22 faces, including seven of cabinet rank, in what is said to be the last major ministerial shuffle before the 2014 general elections.
Congress general secretary Rahul Gandhi did not join the government - leaving the field open for him to play a larger role in the party.


Several portfolios were changed, some new faces introduced, some elevated to cabinet rank and at least one old hand - Shashi Tharoor - was back in what is possibly UPA II's last facelift - an exercise that jettisoned tainted ministers like Subodh Kant Sahay and roped veterans like Ambika Soni and SM Krishna back into the party organisation to gear up for the 2014 electoral battle.
"It is a combination of youth and experience," Manmohan Singh told reporters after the swearing ceremony at the Rashtrapati Bhavan where President Pranab Mukherjee administered the oath of office.

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"The road ahead is full of challenges," he said on his priorities in the next few months.
Of the seven new ministers sworn in with cabinet rank, two are debutants -- former deputy chairperson of the Rajya Sabha K Rehman Khan and Congress MP Chandresh Kumari Katoch. The other five, Ajay Maken, MM Pallam Raju, Dinsha Patel, Harish Rawat and Ashwini Kumar, have been elevated to the cabinet from ministers of state rank.
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स्विस मसौदे पर कोर्ट ने फिर जताया सरकार से एतराज


इस्लामाबाद. पकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को खोलने के लिए स्विस सरकार को पत्र लिखने का मामला फिर उलझ गया है.
पत्र के मसौदे को लेकर सरकार और देश के सर्वोच्च न्यायालाय का मतभेद शुक्रवार को भी देखने को मिला. पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने स्विस सरकार को भेजे जाने वाले पत्र के ताजा मसौदे पर भी एतराज जताया है.
 
 साथ ही इसे 10 अक्टूबर तक अंतिम रूप देने का निर्देश पाकिस्तान की सरकार को दिया है. शुक्रवार को कानून मंत्री फारूक नाईक ने न्यायमूर्ति आसिफ सईद खोसा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ के सामने पत्र का संशोधित मसौदा पेश किया.
न्यायाधीशों ने पत्र के कुछ अंशों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह 2009 के उस आदेश से मेल नहीं खाता है जिसमें जरदारी के खिलाफ मामलों की समीक्षा की अपील की गई थी.
 
अदालती कार्यवाही के दौरान न्यायाधीश विचार-विमर्श करने के लिए दो बार अपने चेंबर में भी गए. सलाह-मशविरे के लिए नाईक और एक सरकारी वकील को भी चेंबर में बुलाया गया.
इसके बाद न्यायाधीश जब अदालत कक्ष में लौटे तो कानून मंत्री ने पत्र के मसौदे को अंतिम रूप देने और प्रधानमंत्री के साथ विचार-विमर्श के लिए समय मांगा. देश की शीर्ष अदालत ने संक्षिप्त आदेश में पत्र के मसौदे में सुधार के लिए 10 अक्टूबर तक का वक्त देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी.
गौरतलब है कि पत्र लिखने से इनकार करने के बाद अदालती अवमानना के आरोपी बनाए गए प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ ने 18 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश होकर कहा था कि उनकी सरकार स्विट्जरलैंड को पत्र भेजेगी.
ऐसा  लगता नहीं है कि पाकिस्तान सरकार की मंशा अपने भ्रष्ट राष्ट्रपति के विरुद्ध स्विस पत्र लिखने में कोई दिलचस्पी है. वह पूरी कोशिश कर रही है कि येन-केन प्रकारेण अपने भ्रष्टतम राष्ट्र-प्रमुख को बचा लिया जाय.
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चीन की सीमा पर और लड़ाकू विमानों की होगी तैनाती

चीन के खिलाफ वर्ष 1962 की जंग में मिली शिकस्त से सबक लेते हुए भारत ने अपनी पूर्वोत्तर सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत बनाना शुरू कर दिया है. वायु सेना प्रमुख एनएके ब्राउन ने जोर देकर कहा, ‘यदि 1962 के युद्ध में वायुसेना ने आक्रामक भूमिका निभाई होती तो इसका परिणाम कुछ दूसरा ही देखने को मिलता. भविष्य में वायु सेना अग्रणी भूमिका में होगी.’ 





उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 में भारत-चीन युद्ध को 50 वर्ष पूरे हुए हो चुके हैं। 1962 के युद्ध के दौरान आईएएफ के विमानों को मुख्यत: परिवहन के तौर पर ही इस्तेमाल किया गया था. एयर चीफ मार्शल ब्राउन ने कहा, ‘मैं आपको आश्वस्त करता हूँ कि भविष्य में ऐसी कोई सीमित भूमिका नहीं होगी. वायु सेना आगे से हर क्षेत्र में हर काम के लिए अग्रणी भूमिका में होगी.’ 


उन्होंने कहा कि कि भविष्य के लिहाज से वायुसेना अब पूर्वोत्तर में पहले की तुलना में अधिक मजबूत स्थिति में है. पूर्वी क्षेत्र में दो और सुखोई स्क्वाड्रनों को तैनात करने की
तैयारी है.


गौरतलब है कि इस समय दो सुखोई स्क्वाड्रन तेजपुर और चबाबुआ ((दोनों असम)) में तैनात हैं.
वायु सेना प्रमुख ने बताया, ‘हम सुखोई के चार और स्क्वाड्रनों की तैनाती करने जा रहे हैं, इनमें से दो स्क्वाड्रन पूर्वी क्षेत्र में तैनात किए जाएंगे.





इस तैनाती से ज्यादा कुछ नहीं तो चीन के आक्रामक वक्तव्यों पर इससे एक हलके से प्रतिरोध की आशा तो की ही जा सकती है.
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पाकिस्तान में ड्रोन हमले के खिलाफ इमरान खान का प्रदर्शन

इस्लामाबाद : क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान के सैकड़ों समर्थकों ने शनिवार को मोटरों के काफिले के साथ अमेरिकी ड्रोन हमलों के विरोध में आतंकवादी बहुल क्षेत्र दक्षिण वजीरिस्तान तक शांति यात्रा निकाली.






लगभग 130 वाहनों के काफिले वाली इस शांति यात्रा में खान समेत तहरीक-ए-इंसाफ दल के प्रमुख नेता, पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी शामिल थे. ये लोग सरकार की ओर से जारी आत्मघाती हमलों की चेतावनियों के बावजूद इस रैली में शामिल हुए.

संवाददाताओं से बात करते हुए इमरान खान ने दावा किया कि तालिबान की ओर से हमारी इस शान्ति यात्रा को कोई खतरा नहीं है, सिर्फ सरकार ही इसे रोकने की कोशिश कर रही है. खान ने कहा, वजीरिस्तान के कबीलाई लोगों को इस रैली के दौरान सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी. इस यात्रा का समापन दक्षिण वजीरिस्तान के कोटकाई गांव में रविवार को होने की संभावना है.
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मेरे राज में बेरोज़गारी न्यूनतम स्तर पर है : ओबामा

वाशिंगटन : अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले ओबामा ने कहा कि देश प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है. राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि उनके कार्यभार संभालने के बाद से देश में बेरोजगारी दर अभी सबसे न्यूनतम स्तर पर है. यह अमेरिकी युवाओं के लिए बड़े संतोष की बात है.






 ओबामा की टिप्पणी ऐसे समय पर आई है जब नवीनतम आकड़ों के अनुसार सितंबर के दौरान अमेरिका में बेरोजगारी दर घटकर 7.8 फीसद रह गई है. यह 2009 के बाद सबसे कम है. चुनाव के सिलसिले में ओहियो में आयोजित एक बैठक में ओबामा ने कहा कि आज मेरा मानना है कि एक देश के तौर पर हम आगे बढ़ रहे हैं.



अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की पहली बहस में बढ़ती बेरोजगारी दर को लेकर विपक्ष के निशाने पर आए राष्ट्रपति बराक ओबामा को श्रम साख्यिकी ब्यूरो की नवीनतम रिपोर्ट से काफी राहत मिली है. इस प्रकार से ओबामा अपने प्रतिद्वंद्वी मिट रोमनी से आगे जाने की कोशिश कर रहे हैं.
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अबु हम्जा का यूएस प्रत्यर्पण तय, अमेरिका ने किया स्वागत

लंदन/वाशिंगटन : अमेरिकी के अधिकारियों ने आज संतोष जताया है कि आखिरकार उन्हें कट्टरपंथी इस्लामी अबु हम्जा और उसके चार संदिग्ध आतंकवादी साथियों खालीद अल-फवाज, सैयद तहला अहसान, आदिल अब्दुल बारी और बाबर अहमद  पर मुकदमा चलाने का मौका मिलेगा.






 हम्जा ने लंदन हाईकोर्ट से अपील की थी कि उसे स्वास्थ्य जांच के लिए ब्रिटेन में रहने दिया जाए. ब्रिटेन में गिरफ्तार किए गए हम्जा और उसके साथी आतंकवादी गतिविधियों के आरोप में अमेरिका में वांछित थे.
अमेरिका के न्याय विभाग के प्रवक्ता डीन बॉयड ने कहा, ‘हमें प्रसन्नता है कि इन मामलों में प्रत्यर्पण प्रक्रियाओं का अंत हो गया है.’ उन्होंने कहा, ‘हम इन लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए उन्हें अमेरिका लाने के लिए ब्रिटिश अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.’



आज ब्रिटेन की एक अदालत के फैसले के साथ ही कट्टरपंथी इस्लामी धर्मगुरु अबु हम्जा और चार अन्य संदिग्ध आतंकवादियों का अमेरिका प्रत्यर्पण तय हो गया था. ब्रिटेन की एक अदालत के फैसले ने प्रत्यर्पण रोकने की उनकी अंतिम कोशिश पर भी आज पानी फेर दिया. अब इन पांचों को ब्रिटेन से अमेरिका के एडीएक्स फ्लोरेंस के ‘सुपरमैक्स’ जेल में ले जाया जाएगा.
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केजरीवाल ने मजदूर बानाराम के घर बिजली जोड़ दिल्ली सरकार को चुनौती दी

नई दिल्ली. इंडिया अगेंस्ट करपशन के अरविंद केजरीवाल और उनके साथियों ने आज शीला सरकार पर हल्ला बोला है.


 केजरीवाल ने दिल्ली के खानपुर इलाके में एक मजदूर के घर का कटा हुआ बिजली कनेक्शन फिर से जोड दिया है. इसी के साथ ही केजरीवाल ने चार नवंबर को मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का घेराव करने का ऎलान किया है.


बिजली कंपनी ने तिगड़ी खानपुर कॉलोनी में रहने वाले मजदूर बाना राम को 15 हजार का बिल भेजा था. पांच-सात हजार रूपये महीना कमाने वाला मजदूर, बिल जमा नहीं कर सका जिस पर बिजली कंपनी ने मजदूर के घर की बिजली काट दी थी.


बिजली कंपनियों और शीला सरकार के खिलाफ विरोध जताते हुए केजरीवाल ने इस मजदूर के घर का बिजली कनेक्शन जोड़ा है.




अरविंद केजरीवाल ने सभी दिल्लीवासियों से बिजली के बिल ना जमा करने की अपील की है. केजरीवाल ने ऎलान किया कि दिल्ली में जहां भी इस तरह बिजली कंपनियां कनेक्शन काटेंगी वह अपना विरोध जताएंगे, बिजली कनेक्शन जोड़ेंगे.



उन्होंने लोगों से कहा था कि वे बिजली का बिल देना बंद करे और बिजली का कनेक्शन काटने आने वाले अधिकारियों का संगठित मगर शांतिपूर्ण विरोध करें.


 केजरीवाल यह भी कह चुके हैं कि अगर बिजली का बिल न भरने की वजह से लोगों की बिजली काटी जाती है तो जनता मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के घर की बिजली काट देगी


केजरीवाल ने दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग यानी डीईआरसी के पूर्व चेयरमैन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि निजी बिजली कंपनियां पहले से मुनाफे में हैं और इसके बावजूद सरकार उन्हें लाभ पहुंचाने में लगी है.
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